भारत का ऐसा गाँव जहाँ आत्महत्या मनुष्य नही पक्षी करते है

 ऐसे तो अनेको रहस्य है दुनिया मे जिसका पता विज्ञान लगा रही है ऐसे ही एक रहस्य जातिंगा (Jatinga) भारत के असम राज्य के डिमा हासाओ ज़िले में स्थित एक गाँव है। जहाँ आत्महत्या इंसान नहीं बल्कि पक्षी करते है आसमान से कीड़ो मकोड़ो की तरह पेड़ से टकरा कर धरती पर गिरते है जिस कारण इनकी मृत्यु हो जाती है पक्षी की मौत का रहस्य अभी तक मालूम नही चला है यह ऐसा क्यों करते है

                     


          

समूह में करते हैं आत्महत्या:

यहां पर सबसे आश्चर्य की बात यह है कि कोई अकेला पक्षी आत्महत्या नहीं करता, बल्कि सामूहिक रूप से सभी आत्महत्या कर लेते हैं। वहीं इस आत्महत्या में कोई एक प्रजाति का पक्षी शामिल नहीं होता है, बल्कि यहां उपलब्ध लगभग सभी प्रकार के प्रवासी पक्षियों द्वारा ऐसा किया जाता है। जैसे कि किंगफिशर, टाइगर बाइटन और लिटिल एग्रीट जैसे पक्षी इस रहस्यमय मौत का शिकार होते हैं। अब आपके मन में सवाल उठ रहा होगा कि क्यों एक साथ इतनी संख्या में पक्षी आत्महत्या करते हैं?

                      


 हर साल सितंबर और ओकटुबर के महीने में हादसा होता है  लेकिन पक्षी विज्ञानिकों की माने तो यह सितंबर ओकटुबर में कोहरे से रास्ता भटक जाते है और गांव की रात की रौशनी के आकर्षण के कारण, चारो तरफ कोहरे और तेज हवाओं से पक्षी मदहोशी में तेजी से उड़ने लगते है जिस कारण गांव की तरफ आते है और किसी भी चीजो से टकराकर मर जाते है यह सिलसिला सितंबर और ओकटुबर  के महीने में आत्महत्या करते है

                       


 जतिंगा वैली में पक्षियों की आत्महत्या का रहस्य क्या है इस बात की लेकर स्थानीय लोगों में कई तरह की बाते प्रचलित है स्थानीय लोगो की मानना है कि यह भूत प्रेत और अदृश्य ताकतों का काम है 

 चाहे जो भी बात हो लेकिन अभी भी जतिंगा वैली में हो रही पक्षियों की आत्महत्या दुनिया भर में रहस्य बनी हुई है

                     


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