दुनिया मे जलवायु परिवर्तन से पर्यावरण में हो रहा है नुकसान, जलवायु परिवर्तन के कारण और प्रकार

जलवायु परिवर्तन के कारण दुनिया धीरे धीरे विनाश के करीब पहुंच रही है सारे देश जलवायु परिवर्तन को गम्भीरता से नही ले रहे है अगर ऐसे ही चलता रहा तो आने वाले समय में पृथ्वी पर जीवन असंभव हो जएगा, 
                    

जलवायु परिवर्तन क्या है : पृथ्वी के मौसम में ऐतिहासिक बदलाव को जलवायु परिवर्तन कहते है जैसे : तूफान, समुद्र चक्रवात, बाढ़,गर्म तापमान आदि, यह बदलाव प्राकृतिक भी हो सकता है और मानव के क्रियाकलापों का परिणाम भी, ग्रीनहाउस प्रभाव और वैश्विक तापमान को मनुष्य की क्रियाओं का परिणाम माना जा रहा है जो औद्योगिक क्रांति के बाद मनुष्य द्वारा उद्योगों से निःसृत कार्बन डाई आक्साइड आदि गैसों के वायुमण्डल में अधिक मात्रा में बढ़ जाने का परिणाम है। जलवायु परिवर्तन के खतरों के बारे में वैज्ञानिक लगातार आगाह करते आ रहे हैं

जलवायु परिवर्तन के दो प्रकार के कारण है : 
1) प्राकृतिक कारण
2) मनुष्य के क्रियाकलापों के कारण

प्राकृतिक कारण के प्रकार :
1) वायु चक्रवात : जलवायु परिवर्तन के कारण हवा में एक भीषण चक्रवात तूफान बन जाता है जिस कारण पेड़ पौधो और जीव जंतु सब इसके चपेट में आ जाते है दिन पर दिन जलवायु परिवर्तन के कारण इसमें वृद्धि हो रही है
                        

2) समुद्र : पृथ्वी में तापमान के बदलने कारण समुद्र का संतुलन बिगड़ जाता है जिस कारण सुनामी अति है जैसे अब तक कि सबसे बड़ी उची सुनामी जापान में आई थी बहुत लोगो की मौत और बहुत लोग बेघर हो गए थे इस सब का कारण जलवायु परिवर्तन है
                   

3) ज्वालामुखी : धरती का संतुलन बिगड़ने से गर्म लावा  ज्वालामुखी मे विस्फोट हो जाता है जिस कारण आस पास के गाँव और जंगल नष्ट हो जाते है और वहाँ जीवन असंभव हो जाता है 
                        

मनुष्य के कारण प्रकार :
1) उधोगिक क्रांति : सन 1900 के शुरुआती दसक में उद्योगिक क्रांति शुरू हो गयी और कई बड़े कारखाने लगे जो प्रदूषण का कारण बना और साफ वातावरण को दूषित किया जिस कारण जलवायु परिवर्तन का आरंभ हो गया पृथ्वी विनास की कगार पर जा रही है
                   

2) शहरी करण : मनुष्य ने जंगलो को उजाड़ कर पेड़ो को काट कर शहर का निर्माण किया और जंगलो को पेड़ो की कटाई कर अपना व्यापार शुरू कर दिया है जिस कारण प्राकृतिक संतुलन बिगड़ जाने से जलवायु परिवर्तन का कारण बना,
                  

ऐसे तो जलवायु परिवर्तन के अनेको ऐसे कारण है मगर जलवायु परिवर्तन को सारे देश गंभीरता से नही लेंगे तो आने वाले समय मे हमारी पृथ्वी विनास की कगार पर पहुँच जाएगी लेकिन उस वक्त देर हो चुकी होगी 
जलवायु परिवर्तन के कारण दुनिया विनास की कगार पर खड़ी है राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संगठन तो बने है लेकिन सारे देशो को गंभीरता से एक साथ काम करना है तभी हम जलवायु परिवर्तन से बच सकते है
जलवायु परिवर्तन पर अंतर-सरकारी पैनल (आयपीसीसी; Intergovernmental Panel on Climate Change; IPCC) अन्तर सरकारी वैज्ञानिक निकाय है। यह संयुक्त राष्ट्र का आधिकारिक पैनल है जो जलवायु में बदलाव और ग्रीनहाउस गैसों का ध्यान रखता है। इस संस्था को २००७ में शांति नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
                    



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