साइबर अपराध कितना खतरनाक है और भारतीय संविधान में कोनसे दण्ड का प्रवधान
साइबर अपराध: वह अपराध होता है जो कंप्यूटर नेटवर्क के द्वारा किसी की जानकारी चुराना उसका गलत इस्तेमाल करना किसी व्यक्ति की जानकारी मिटाना और किसी का पासवर्ड चुराना साइबर अपराध है
साइबर अपराध के प्रकार :
1 स्पैम ईमेल : वह ईमेल जो बहुत सारे आते है जिसमे एडवर्टिजमेंट होते है लुभावने चीजे होती है जिसमे जा कर लोग अपनी जानकारी भरते है और उस जानकारी का वह गलत इस्तेमाल करते है स्पैम ईमेल कहते है
2 हैकर : वह व्यक्ति जो किसी भी जगह बैठ कर कंप्यूटर द्वारा किसी के पासवर्ड चोरी करते है जानकारी को डिलीट करते है जानकारी में फेरबदल करते है किसी व्यक्ति की पर्सनल जानकारी लीक करते है हैकर कहलाते है
3 कॉल : ऐसा कॉल जो किसी व्यक्ति के पास आता है और बोलता है जी में बैंक या paytm और phonepay से बात कर रहा हु आपके पास कैशबैक की रकम आई है इस रकम को लेने के लिए आप अपना बैंक एकाउंट या एटीएम का नम्बर बात दीजे यह सब फ्रॉड कॉल होता है बैंक कभी भी आप को कॉल करके आप का एकाउंट नम्बर या एटीएम का नम्बर नही मांगता है sms के द्वारा भी होता है
4 अफवाह फैलाना : ऐसे पोस्ट शेयर करना जिसका सच्चाई से दूर दूर तक कोई लेना देना नही है इंटरनेट पर गलत जानकारी फैलाना साइबर अपराध के प्रकार है
5 सॉफ्टवेयर वायरस : सॉफ्टवेयर में वायरस डालना जैसे ट्रोजन हॉर्स एक खतरनाक वायरस जो पूरे सिस्टम प्रोग्राम को खराब कर देता है और पूरा डाटा खत्म कर देता है
6 साइबर बुलिंग : इंटरनेट पर किसी को धमकी देना फेसबुक , इंस्ट्राग्राम, व्हाट्सएप के मध्यम से उसे साइबर बुलिंग कहते है
7 सॉफ्टवेयर privecy: कम्पनी द्वारा बनाया गया सॉफ्टवेयर फिर उसकी कॉपी कर मार्केट में सस्ते दामो पर बेचना
यह सारे साइबर अपराध के प्रकार है
साइबर अपराध को देखते हुए भारत सरकार ने भारतीय संविधान में साइबर अपराध के दण्ड का प्रावधान किया है :
कंप्यूटर संसाधनों से छेड़छाड़ की कोशिश-धारा 65
कंप्यूटर में संग्रहित डाटा के साथ छेड़छाड़ कर उसे हैक करने की कोशिश-धारा 66
संवाद सेवाओं के माध्यम से प्रतिबंधित सूचनाएं भेजने के लिए दंड का प्रावधान-धारा 66 ए
कंप्यूटर या अन्य किसी इलेक्ट्रॉनिक गैजेट से चोरी की गई सूचनाओं को ग़लत तरीके से हासिल करने के लिए दंड का प्रावधान-धारा 66 बी
किसी की पहचान चोरी करने के लिए दंड का प्रावधान-धारा 66 सी
अपनी पहचान छुपाकर कंप्यूटर की मदद से किसी के व्यक्तिगत डाटा तक पहुंच बनाने के लिए दंड का प्रावधान- धारा 66 डी
किसी की निजता भंग करने के लिए दंड का प्रावधान-धारा 66 इ
साइबर आतंकवाद के लिए दंड का प्रावधान-धारा 66 एफ
आपत्तिजनक सूचनाओं के प्रकाशन से जुड़े प्रावधान-धारा 67
इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से सेक्स या अश्लील सूचनाओं को प्रकाशित या प्रसारित करने के लिए दंड का प्रावधान-धारा 67 ए
इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से ऐसी आपत्तिजनक सामग्री का प्रकाशन या प्रसारण, जिसमें बच्चों को अश्लील अवस्था में दिखाया गया हो-धारा 67 बी
मध्यस्थों द्वारा सूचनाओं को बाधित करने या रोकने के लिए दंड का प्रावधान-धारा 67 सी
सुरक्षित कंप्यूटर तक अनाधिकार पहुंच बनाने से संबंधित प्रावधान-धारा 70
डाटा या आंकड़ों को ग़लत तरीक़े से पेश करना-धारा 71
आपसी विश्वास और निजता को भंग करने से संबंधित प्रावधान-धारा 72 ए
कॉन्ट्रैक्ट की शर्तों का उल्लंघन कर सूचनाओं को सार्वजनिक करने से संबंधित प्रावधान-धारा 72 ए
फर्ज़ी डिजिटल हस्ताक्षर का प्रकाशन-धारा 73
सूचना तकनीक क़ानून की धारा 78 में इंस्पेक्टर स्तर के पुलिस अधिकारी को इन मामलों में जांच का अधिकार हासिल है।
भारतीय दण्ड संहिता (आईपीसी) में साइबर अपराधों से संबंधित प्रावधान :
ईमेल के माध्यम से धमकी भरे संदेश भेजना-आईपीसी की धारा 503
ईमेल के माध्यम से ऐसे संदेश भेजना, जिससे मानहानि होती हो-आईपीसी की धारा 499
फर्ज़ी इलेक्ट्रॉनिक रिकॉड्र्स का इस्तेमाल-आईपीसी की धारा 463
फर्ज़ी वेबसाइट्स या साइबर फ्रॉड-आईपीसी की धारा 420
चोरी-छुपे किसी के ईमेल पर नज़र रखना-आईपीसी की धारा 463
वेब जैकिंग-आईपीसी की धारा 383
ईमेल का गलत इस्तेमाल-आईपीसी की धारा 500
दवाओं को ऑनलाइन बेचना-एनडीपीएस एक्ट
हथियारों की ऑनलाइन ख़रीद-बिक्री-आर्म्स एक्ट
66-एफ : साइबर आतंकवाद के लिए दंड का प्रावधान
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