दुनिया मे जैविक हतियार और साइबर क्राइम,


 प्रथम विश्वयुद्ध 1914 से 1918 में हुआ यह युद्ध बंदूको और तोप से लड़ा गया और दूसरा विश्वयुद्ध 1939 से 1945 में हुआ और ये युद्ध इतिहास का सबसे खतरनाक युद्ध कह गया है इस युद्ध की समाप्ति अमेरिका ने जापान पर अपना परमाणु बम गिरा दिया हजारो लोगो की मौत हुई और लाखों लोग इस रेडिएशन की वजह से उनके शरीर का कुछ हिस्सा खराब हो गया लेकिन जैसे जैसे समय बीतता गया कुछ देश अपने को परमाणु संपन्न कर लिया। आज पूरे विश्व मे अमेरिका, चीन ,रुस, और भारत सुपरपॉवर देश बन चुके है और इनके पास परमाणु बम भी है लेकिन कोई भी देश इसका इस्तेमाल नही करना चाहता है इसलिए कई देशों ने युद्ध को लड़ने और अपने दुश्मन देश को खत्म करने के लिए जैविक हतियार और साइबर युद्ध पर काम करना शुरू कर दिया है जैसे हम देख सकते है कोरोना covid19 जो चीन से वायरस फेला लेकिन चीन में ज्यादा नुकसान नही हुआ लेकिन अमेरिका, भारत, ब्राजिल, स्पेन,इटली

इन सब देशो में नुकसान बहुत हुआ है, भारत की अर्थव्यवस्था बहुत ही बुरे दौर से गुजर रही है लाखो लोग बेरोजगार हो गए है इस सब का कारण जैविक हतियार है।

जैविक हतियार: एक ऐसा हतियार है जो साइंस लेब में तयार होता है  शरीर मे जाकर शरीर के हर एक अंग को बेकार कर देता है जिससे लोगो की मौत हो जाती है , दुशमन देश को खत्म भी कर दे तभी इसका पता नही लग पाएगा यह  जैविक हतियार को वही खत्म कर सकता है जिसने बनाया है चीन के इस साजिश के बाद बहुत से देश जैविक हतियार बनाने की  तैयारी कर रहे  है  ताकि भविष्य में इससे बचा जा सके

साइबर क्राइम: सिस्टम वॉर हो चुका है आज के जमाने में सारा काम डिजीटल हो गया है रुपये की ट्रांजेक्शन हो या खुफिया जानकारी सारि चीजे कंप्यूटर में सुरक्षित रखते है लेकिन साइबर क्राइम को देखते हुए आज हर देश साइबर सिक्युरिटी रखता है जिससे रुपये हो या जानकारी सबको सुरक्षित रख सके लेकिन आने वाले कुछ सालों में साइबर क्राइम बढ़ सकता है और परमाणु युद्ध ना होके कुछ सालो में साइबर वॉर हो सकता है जिससे किसी भी देश को कुुछ समय में खत्म किया जा सके.।


                           



                                

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